Friday, 19 August 2016

पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुपालन के अंतर्गत हम गाय ,भैंस , भेड़ , सूअर , बकड़ी ,ऊँट आदि का प्रजनन करते है तथा इन पशुओ को देखभाल करते है ! ये सभी वे पशु है जो मानव के लिए लाभप्रद होते है ! पशुपालन में हम कुक्कुट पालन (Poultry Farming) तथा मत्स्यपालन (Fish Farming) को भी सम्मलित करते है ! अतः पशुपालन पशुप्रजनन तथा पशुधन - वृद्धि की एक कृषि पद्धति है !(Animal Husbandry is the agricultural practice of breeding and raising livestock) पशुपालन विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओ के भोजन , आवास , स्वास्थ , प्रजनन आदि पक्षों का अधयन्न किया जाता है ! जनसंख्या की दृष्टि से 70 प्रतिशत से अधिक पशुधन भारत तथा चीन में है ! परन्तु विश्वस्तर पर फार्म उत्पादों ( Form Produce ) की तुलना में हमारा देश केवल 25 प्रतिशत की योगदान करता है !
इससे स्पष्ट है की प्रति इकाई उत्पादकता की दर बहुत कम है ! उत्पादकता बढ़ने के लिए पारंपरिक पद्धितियों के अतिरिक्त नई प्रोधोगिकी को भी अपनाना होगा ! दुधारू पशुओ की अत्यधिक संख्या होने के बावजूद हमारे देश में दूध का उत्पादन संतोषजनक नहीं है ! हमारे देश में एक गाय औसतन लगभग 200 किलोग्राम दूध प्रतिवर्ष देती है जबकी यह औसत ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड में 3500 किलोग्राम तथा स्वीडन में 3000 किलोग्राम पर्तिवर्ष है पशुपालन विज्ञान के अध्ययन से उन्नत नस्ल की गाय , भैस आदि प्रजनन द्वारा प्राप्त किये जा सकते है ! जनसंख्या के अनुरूप भोजन की बढती आवश्यकता की पूर्ति के लिए अधिक पुष्ट मांसल तथा जल्दी बढ़ने वाली नस्ल की मुर्गिया प्रजनन के द्वारा प्राप्त की जा सकती है हमारे देश में प्रति व्यक्ति भोजन के रूप में मांस की खपत मात्र 131 किलोग्राम है !
जबकि सयुक्त राज्य अमेरिका में मांस की खपत 1318  किलोग्राम है ! भोजन के लिए अंडे की मांग दिनोदिन बढती जा रही है इसके लिए प्रजनन द्वारा उन्नत किस्म की मुर्गिया प्राप्त की जा सकती है ! भारतवर्ष में भोजन के रूप में अंडे की प्रतिव्यक्ति खपत मात्र 6 है जबकि अमेरिका में यह 295 है ! हमारे देश में मत्स्यपालन की असीम भावनाएँ है ! पशुपालन विज्ञान द्वारा मछलियों के बच्चो (Fingerlings) का सफल निष्काशन मछलियों के आकर में समुचित वृद्धि , उनका उचित रख रखाव रोगों से बचाव आदि सम्बंधित बातें सीखी जा सकती है ! 
इसके अतिरिक्त भेड़ो , खरगोशो , की नस्लों को सुधारकर ऊन , उत्पादक बढाया जा सकता है ! पशुओ के मल - मूत्र से बायोगैस (Bio gas) का उत्पादन किया जा सकता है !

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